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GST के नाम पर लोगों को सताना बर्दाश्त नहीं करेंगे सुप्रीम कोर्ट की दो टूक फिर अखिलेश यादव का

 जीएसटी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार और अधिकारियों को दो टूक मे अपनी बात बता दिया दिया है,कोर्ट ने कहा कि ऐसी शिकायत मिल रही है कि बेवजह किसी को परेशान करना कारोबारियों को धमकी देना जीएसटी के नाम पर उत्पीड़न किया जा रहा है . कारोबारियों और अन्य लोगों की आजादी छीनने के विरुद्ध मे हम नई गाइड लाइन जारी करेंगे .281 याचिकाओ पर सुनवाई के दौरान केंद्र से भेजी नोटिस वा गिरफ़्तारी का ब्योरा मांगा कोर्ट ने और मामले की अगली सुनवाई 9 मई को होनी है  

इस मामले पर सपा के मुखिया उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने क्या कहा है /

भाजपा ने GST कर प्रणाली को इस तरह लागू किया है कि ये व्यापारी-कारोबारियों से टैक्स संग्रहण की जगह, भाजपाइयों के लिए पैसा उगाही और वसूली का ज़रिया बन गयी है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा सरकार के तौर-तरीकों पर निंदात्मक टिप्पणी करते हुए, GST एक्ट के दुरुपयोग और उसे धमकी की तरह इस्तेमाल करने पर स्वयं न्यायालय द्वारा कठोर क़दम उठाने की चेतावनी दी है। 

भाजपा के राज में व्यापारियों-कारोबारियों को टैक्स में चोरी करनेवालों की तरह आरोपित करना बेहद आपत्तिजनक बात है। हम इसकी घोर निंदा करते हैं। मंदी और ऑनलाइन के ज़माने में आजकल वैसे ही काम-कारोबार करना और दुकान चलाना आसान नहीं है, उस पर से GST का दबाव बाज़ार की कमर तोड़ दे रहा है। महँगाई की मारी, मंद गति से चलनेवाली अर्थव्यवस्था के दौर में GST की भ्रष्ट कार्यप्रणाली, अवांछित हस्तक्षेप व जटिलताएं केवल आर्थिक हीं नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी कारोबारियों को उत्पीड़ित कर रही हैं। साथ ही भाजपा के राज में उनके संगी-साथी व आनुषंगिक संगठन भी बात-बात पर चंदे की रसीद लेकर व्यापारियों, कारोबारियों, कारख़ानेवालों और दुकानदारों से वसूली करते रहते हैं। जो लोग दवा-टीके तक में कमीशन खा रहे हैं वो भला व्यापार-कारोबार को क्या छोड़ेंगे। 

अब भाजपा से त्रस्त व्यापारी, कारोबारी, कारख़ानेवाले, दुकानदार और फेरीवाले तक भाजपा सरकार के ख़िलाफ़ वोट डाल रहे हैं। लोकसभा चुनाव के पिछले दो चरणों में ये सब लोग व्यापार-कारोबार आसानी से करने के लिए इंडिया गठबंधन के सबसे मज़बूत समर्थक बनकर उभरे हैं और आगामी सभी चरणों में भाजपा को हराने के लिए, भाजपा के ख़िलाफ़ वोट डालने और इंडिया गठबंधन को जिताने के लिए कमर कसकर तैयार बैठे हैं क्योंकि ये उनके व्यापार ही नहीं, उनके परि