प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को घोषणा किया कि भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा । इसके बाद अब लगातार कई लोग हैं जो सवाल उठा रहे हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब से बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आड़वानी को भारत रत्न मिला का ऐलान किया है। यह खबर लोगों तक पहुंची तो कुछ लोगों के तो खुशी जो है वह जाहिर हुई लेकिन वही जमात ए इस्लामी हिंद के नेताओं ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई है। जमात के उपाध्यक्ष मलिक मोहितसिम खान ने कहा कि मौजूदा सरकार से इसी तरीके की उम्मीद है। की जो बाबरी मस्जिद गिराएगा उन्ही को इनाम दिया जाएगा।
आपको याद होगा कि 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में विवादित बाबरी मस्जिद का ढांचा विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ,के कार्यकर्ताओं समेत कारसेवकों के लिए उमड़ी सैकड़ो की जो भीड़ थी उसने बाबरी मस्जिद का जो विवादित ढांचा था। वह गिरा दिया था और वहां मंदिर बना दिया था। इस मामले में भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी,मुरली मनोहर जोशी, विनय कटिहार,उमा भारती, समेत लगभग 49 नेताओं पर आरोप लगा था। बाद में सुनवाई तक 17 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि बचे हुए 32 लोगों को कोर्ट ने 2020 में बरी कर दिया था अदालत ने अपने फैसले में कहा था। कि बाबरी विध्वंस गिरना एक साजिश नहीं बल्कि यह अचानक हुई घटना थी।
बाबरी मामले को लेकर आडवाणी से खफा है मुस्लिम
आडवाणी राम मंदिर के निर्माण के आंदोलन को धार देने वाले प्रमुख नेताओं में से एक थे। उन्होंने 25 सितंबर 1990 को सोमनाथ से लेकर अयोध्या तक राम रथ यात्रा निकाली थी। लेकिन बिहार में लालु यादव की सरकार ने 23 अक्टूबर 1990 को समस्तीपुर में उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। पिछले ही महीने अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बनकर तैयार हुआ उसका प्राण प्रतिष्ठा हुआ,जिसके बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया कि यह आडवाणी जी को भारत रत्न का सर्वोच्च सम्मान राम मंदिर आंदोलन के लिए उनके किए गए अटूट प्रयास और त्याग का जो सम्मान है। वह दिया जाना चाहिए। फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने ऐलान किया।
सम्मन को लेकर मुस्लिम पक्ष क्यों कर रहा है विरोध
हाल ही के दिनों में आपने देखा होगा वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर के मामले में भी पूजा के लिए जो तहखाना था उसे खुलवा दिया गया अदालत के फैसले ने उसके बाद में भी जो लोग थे। उन्होंने अपनी विरोध की जो आवाज है वह बुलंद की और इसके बाद अब जब ललकी से आडवाणी को एक सम्मान मिलने जा रहा है सर्वोच्च सम्मान मिलने जा रहा है। तब अब लगातार जो जमात ए इस्लामी हिंद के लोग हैं, उन्हें शायद यह नागवारा गुजर रहा है और वह लोग अपना विरोध जाहिर कर रहे हैं कि आखिर लाल कि आडवाणी जी को कि विनय पर यह सर्वोच्च सम्मान देने के लिए प्रधानमंत्री ने ऐलान किया है आपको बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर में तहखाना में पूजा के लिए जो दी गई अदालत की अनुमति है। उसको लेकर जामिया ए इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष ने शनिवार को कहा कोर्ट पर भी विश्वास टूट रहा है, जमात नेता ने कहा कि यह अजीब बात हो रही है कोर्ट यह देख रहा है, की भीड़ किस तरफ ज्यादा है उसी तरफ फैसला सुनाते हैं।
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