स्वामी प्रसाद मौर्या अपने बयानों के वजह से हर समय सुर्खियों मे रहते है। उनका हर बयान हिन्दू विरोधी होता है, औऱ इसी के कारण हिन्दू समय समाजवादी पार्टी से दुरी बना रहे थे । इसी बिच स्वामी प्रसाद मौर्या ने समाजवादी पार्टी के महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया है,औऱ इस्तीफा का कारण पार्टी मे भेदभाव का होने का है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव को पत्र भेज कर इस्तीफा दिया है और पत्र में कारण भी लिखकर बताया है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मैं जब से सपा में शामिल हुआ तब से पार्टी का जनाधार बढ़ाने की कोशिश की है। औऱ सफल भी हुआ हुँ। जिसके कारण सपा में पहले 45 विधायक थे, वहीं विधानसभा चुनाव 2022 यह संख्या बढ़कर 110 हो गई है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा समाजवादी पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए मैं हर तरीके से प्रयास किया हूँ , स्वामी प्रसाद मौर्य ने आगे कहा कि मैं आदिवासियों, दलितों, में पिछड़ों को भाजपा के जाल से बाहर लाया हू जिसका श्रय नही मिला है।स्वामी प्रसाद मौर्य ने क्या लिखा पत्र में।
विषय≈राष्ट्रीय महासचिव समाजवादी पार्टी के पद से त्यागपत्र देना के सम्बन्ध मे।
स्वामी प्रसाद मौर्य का जो इस्तीफा लेटर है बहुत लंबा चौड़ा है जिसमें उन्होंने अपनी सारी दास्तान लिखी है अपना सारा दर्द अखिलेश यादव से लेटर के जरिए बयां किया है आपको बता दें फिलहाल स्वामी प्रसाद मौर्य सपा के एमएलसी बने रहेंगे उन्होंने स्थिति में लिखा है कि पद के बिना पार्टी को सशक्त बनाने के लिए मैं तात्परूंगा स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ पिछले दिनों से सपा में ही आवाज मुखर हो गई थी उनकी जिसकी भी चर्चा स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने लेटर में लिखा है आपको बताएं कि।
स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार रामचरितमानस हिंदू देवी देवताओं और संतों पर अभद्र अमर यदि टिप्पणी करने के आरोप में कई बार तो समाजवादी पार्टी के नेताओं ने ही स्वामी प्रसाद मौर्य का बहिष्कार किया था और स्वामी प्रसाद मौर्य से कहा था कि आप कोशिश करिए कि हिंदू देवी देवताओं और हिंदू धर्म ग्रंथो पर कोई टिप्पणी आप ना करिए वही चीज शायद स्वामी प्रसाद मौर्य को पसंद नहीं आई और अब स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपना इस्तीफा लेटर अखिलेश यादव को भेजा है और अखिलेश यादव इस इस्तीफा लेटर को पाने के बाद क्या कुछ करते हैं यह देखने वाली बात होगी।
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