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दिल्ली ना पहुंचे किसान इसलिए बॉर्डर सील किया कील बिछाई गई फोर्स लागया गया

किसानों से इतना डर या नफरत करती है 

13 फरवरी को किसान प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली आ रहे थे। और इसीलिए पूरी दिल्ली में धारा 144 लागू कर दी गई है। एक महीने तक पूरी दिल्ली में धारा के साथ कई प्रतिबंध लगे हैं। दिल्ली पुलिस की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि 13 फरवरी को संयुक्त किसान मोर्चा किसान मजदूर मोर्चा और अन्य किस संगठन दिल्ली चलो का ऐलान किए हैं, वह अपनी मांगों को लेकर संसद भवन के बाहर प्रदर्शन करना चाहते हैं। किसानों के आंदोलन के कारण तनाव न हो हिंसा न हो। इन सब की आशंका को देखते हुए बताया गया कि खुफिया जो एजेंसी है। उनके अलर्ट कर दिया गया है और यह सब चीजों का इसलिए फैसला लिया गया कि कहीं कोई दिक्कत ना हो।

किसान अपनी मांगों को लेकर के दिल्ली आ रहे थे, किसानो की कई मांगे थी। और वह सरकार से उन मांगों को पूरा करने के लिए दिल्ली आ रहे थे, और किसानों ने ऐलान किया था। दिल्ली संसद भवन के बाहर बैठकर हम आंदोलन करेंगे, इससे पहले राजधानी दिल्ली की सीमाएं सील हो रही है।

सड़कों पर नुकीले कांटे लगाए जा रहे हैं पुलिस सैनिक बल और सारे लोग मिलकर बॉर्डर पर जबरदस्त नाकेबंदी की है। ताकि कोई दिल्ली में कोई किसान घुस ना सके क्योंकि किसानों का दिल्ली कूच शुरू हो चुका है, चारों तरफ से किसान दिल्ली की ओर आ रहे हैं। आपको याद होगा  2020-21 का वह दिन जब किसानों ने दिल्ली को बंद करवा दिया था, दिल्ली का हर कोई परेशान था। दिल्ली आने वाली हर सड़क पर किसान जमा थे बहुत मुश्किल से दिल्ली में कोई पहुच पता था, दिल्ली के पास अपना तो कुछ है नहीं यहां तक की हवा और पानी के लिए भी उसे पड़ोसी राज्यों के तरफ देखना पड़ता है। नवम्बर में पंजाब हरियाणा में पराली जलाए जाने से दिल्ली की हवा प्रदूषण होती है। और पानी के लिए उसे पड़ोसी उत्तर प्रदेश की तरफ ताकना पड़ता है। ऐसे में दिल्ली वासियों का घबराना आवश्यक है। उन्हें जरुरत का सामान नहीं मिलेगा सब्जी तक भी नहीं मिलती थी ।

अस्पताल पहुंचना कठिन हो जाता हैं,साल 2020 के आखिरी दिनों में जब किसानों ने तीन कृषि कानून जो  कानून उसकी वापसी की हुंकार भरी थी। तब वह एक वर्ष तक दिल्ली घिरे रहे थे, जबकि इस बीच 2021 में करोना का दूसरा दौर आया लोग को इस महामारी में दिक्कतें हुई, लेकिन किसान फिर भी दिल्ली घेरे रहे, आखिरकार जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन तीनों कृषि कानून को वापस करने की घोषणा कर दी,तब किसान अपना धरना प्रदर्शन ख़त्म किया था।

किसानों को इस तरीके से एक जुट होकर आना। केंद्र सरकार के लिए यह सही संकेत नहीं है। और शायद इन्हीं सब के कारण केंद्र सरकार घबरा रही है। क्योंकि 2024 का लोकसभा का चुनाव नजदीक आ रहा है। सारी पार्टियां अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतरने की तैयारी कर रही हैं। और ऐसे में अगर किसानों का आंदोलन दिल्ली में शुरू हो जाता है, तो 2024 में बीजेपी का खेल बिगाड़ सकता है। क्योंकि उस समय ना योगी का बुलडोजर काम आएगा और ना हरियाणा सरकार का चतुर्थी काम आया था। और इसीलिए अब जब किसान दिल्ली आने वाले हैं, तो उससे पहले ही सारी प्लानिंग कर ली गई है। बॉर्डर को सील कर दिया गया है, औऱ सुरक्षा बढ़ा दी गई है कि कहीं ऐसा ना हो किसान अंदर बढ़ जाए इसलिए दिल्ली में धारा 144 लगा दी गई।

जब से किसानों ने कहा है कि हम दिल्ली जाकर के और अपने मांगों को लेकर के दिल्ली पहुंचेंगे संसद भवन के बाहर धरना देंगे और सरकार से कहेंगे कि हमारी मांगों को पूरा करें, किसानो के ऐलान के बाद से केंद्र सरकार की जो परेशानी है वह बढ़ती नजर आ रही है। केंद्र सरकार 2024 के चुनाव के लिए तैयारी कर रही है। इसी बीच अगर किसान दिल्ली में धरना प्रदर्शन शुरू कर देते हैं। तो खेल और माहौल दोनों भी कर सकता है यही कारण है कि दिल्ली के सीमाओं पर उन्हें रोकने की कोशिश की जा रही है। केंद्र ने हरियाणा को 50 कंपनियां अर्धसैनिक बलों की भेजी है। हरियाणा सरकार ने स्वयं भी अपनी सारी पुलिस लगा दी है।

ताकि किसान दिल्ली के तरफ ना बढ़ सके मगर हरियाणा और पंजाब के किसान संगठनों ने हर हाल में दिल्ली जाकर प्रदर्शन करने की घोषणा की उनकी असली मांग जो है। वह MSP, MNP की है यही उनकी मांग 2020 और 21 के दौरान भी थी उनका कहना है। कि केंद्र उनकी मांग पर गंभीरता नहीं ले रही है। किसानों ने कहा कि सभी फसलों को खरीदने पर गारंटी अधिनियम बनाए गए इसके लिए सभी फसलों की कीमतों पर ध्यान दिया जाए। पिछले दिनों केंद्र सरकार ने भारत रत्न देने की घोषणा की है और उसके बाद से भी कुछ औऱ हलचल भी मचा हुआ है।

किन मांगों को लेकर दिल्ली आ रहे हैं किसान

किसान अब कह रहे हैं कि msp पर गारंटी के अलावा कुछ और मांगों को लेकर वह दिल्ली आ रहे हैं। उन्होंने बताया है कि वह कृषि ऋण माफी चाहते हैं, इस बार उन्होंने किसी मजदूर के लिए ₹10000 रूपये महीना  पेंशन की मांग की है,ये पेंशन 58 साल की उम्र को पार करते ही लागू की जाए उनकी मांगों को लेकर के जो लखीमपुर हिंसा मामले में न्याय दिलाने की भी बात सामने आई है। हालांकि इस बार किसानों का कुछ दिल्ली सभी जो संगठन है वह शामिल नहीं है। इस बार किसानों ने संयुक्त किसान मोर्चा बनाकर दिल्ली विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है। साथ में किसान मजदूर भी इस आंदोलन में है इन लोगों ने 16 फरवरी को भारत बंद की घोषणा की है। इस भारत बंद में सभी किसान मजदूर संगठन हिस्सा लेंगे परंतु यह भी हकीकत है।
 इस बार कई संगठन इस बार दिल्ली से पूछ से अलग केंद्र सरकार ने भी दिल्ली को बचाने के लिए युद्ध स्तर पर तैयारी की है पंजाब से आने वाले किसानों को रोकने के लिए अंबाला के निकट संभव बॉर्डर को सील कर दिया है इसके अलावा जितने भी बॉर्डर है लगभग दिल्ली आने के लिए सारे बॉर्डरको सील कर दिया गया है उत्तर प्रदेश से आने वाले रास्तों को भी जो गाजीपुर बॉर्डर नोएडा बॉर्डर है उन्हें भी सील कर दिया गया है कि किसी तरीके से किस दिल्ली ना पहुंच पाए आपको बता दें कि पंजाब के मुख्यमंत्री भागवत मां ने हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर से कहा कि दोनों प्रदेशों की सीमाओं को अलग-अलग सीमा ना बनाएं मगर सबसे परेशानी की बात है कि दिल्ली की जनता को लेकर दिल्ली एनसीआर में 3 करोड़ जनता लगभग रह रही है।

और अगर किसान दिल्ली आ जाते हैं तो इनको इधर से उधर आने में सुबह शाम जाम में फंसना पड़ेगा अभी भी दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन सेवाएं इतनी सम नहीं है कि एमसीडी की सीमाओं के बाहर रहने वाले लोग दिल्ली में अपनी गाड़ी लेकर आ सके ऐसे में उनकी आवाज इबादित होगी पूरी दिल्ली में धारा 144 लगाया गया है और बताया गया है कि कई जो परीक्षाएं हैं वह भी शुरू होने वाली है दिल्ली में अब वैसे में यह कई सवाल हो रहे हैं कि छात्र भी परेशान होंगे अभी भाव भी परेशान होंगे स्कूल कॉलेज सब बंद हो जाएंगे सरकार ने भी अभी तक कोई भरोसा नहीं दिया है ना किसानों से कहा है कि आपकी मांगे पूरी की जाएगी सरकार की तरफ से भी कोई बयान बाजी नहीं की गई है।

केंद्र सरकार कहते हैं कि हम डबल इंजन के सरकार हैं और किसानों का आज दुगना करने के लिए हम लगातार मेहनत कर रहे हैं किसानों का किसानों का आय दोगुना कर भी चुके हैं किस पहले के अनुसार अब डबल किसानों का आए हो रहा है लेकिन उसके बावजूद भी सवाल आता है कि अगर किसानों का है डबल हो रहा है तो किसान इतना परेशान क्यों है किस इतने बदहाल अवस्था में क्यों है कि उसे 5 किलो अनाज की जरूरत पड़ती है सरकार पर भी और सरकार के कामकाज पर भी लेकिन जो किसान मांग कर रहे हैं क्या किसानों का मांग जायज है या किस 2024 के चुनाव को देखते हुए केंद्र सरकार को कहीं ना कहीं गिरने की साजिश करके दिल्ली पहुंचना चाहते हैं यह भी एक बड़ा सवाल खड़ा होता है हालांकि इस मामले पर अभी तक कोई सरकार के तरफ से बयान नहीं आया है।
सरकार किसानों के मांगों को लेकर क्या समर्थन में उनकी आती है।
 कि हां आपके मांग पूरे किए जाएंगे क्योंकि 2024 का चुनाव आ रहा है और सरकार भी चाहेगी कि किसानों से हमारा बैर न हो चाहे वह हरियाणा के किसान हूं पंजाब के किसान हो या उत्तर प्रदेश के किसानोंक्योंकि उत्तर प्रदेश की सरकार है। जो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं योगी आदित्यनाथ हैं हरियाणा में भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। और पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है दिल्ली में जहां पर किस आ रहे हैं।
धरना प्रदर्शन करने वहां भी आम आदमी पार्टी की सरकार है अब ऐसे में एक सवाल यह भी खड़ा होता है। कि क्या आम आदमी पार्टी की सरकार किसने की मदद करेगी क्योंकि केजरीवाल लगातार भाजपा पर और प्रधानमंत्री पर हर चुनावी मुद्दे पर और हर मुद्दे पर बरसते नजर आते हैं तो क्या है इस मुद्दे पर किसानों का साथ देंगे अरविंद केजरीवाल और जो पंजाब के किसान हैं उन्हें दिल्ली आने में उनकी मदद करेंगे या केंद्र सरकार के साथ खड़े होकर किसानों को रोकेंगे और दिल्ली नहीं आने देंगे यह देखते हुए की दिल्ली अगर किसान आ जाते हैं तो काफी लोगों को दिक्कत भी होगी।